Sunday, September 21, 2008

श्रीविठ्ठलाची आरती


श्रीविठ्ठलाची आरती

युगें अठ्ठावीस विटेवरी उभा |

वामांगीं रखुमाई

दिसे दिव्य शोभा |

पुंडलिकाचे भेटी परब्रह्म आलें गा |

चरणीं वाहें भीमा उध्दरी जगा || ||

जय देव जय देव जय पांडुरंगा |

रखुमाईवल्लभा राईचा वल्लभा पावें जिवलगा |

जय देव जय देव || धृ. ||

तुलसीमाला गळां कर ठेवूनि कटीं |

कांसे पीतांबर कस्तूरी लल्लाटीं |

देव सुरवर नित्य येती भेटी |

गरुड़ हनुमंत पुढें उभे राहती || ||

जय देव जय देव जय पांडुरंगा |

रखुमाईवल्लभा राईचा वल्लभा पावें जिवलगा |

जय देव जय देव || धृ. ||

धन्य वेणूनाद अनुक्षेत्रपाळा |

सुवर्णाची कमळें वनमाला गळां |

राही रखुमाबाई राणीया सकळा |

ओंवाळिती राजा विठोबा सांवळा || ||

जय देव जय देव जय पांडुरंगा |

रखुमाईवल्लभा राईचा वल्लभा पावें जिवलगा |

जय देव जय देव || धृ. ||

ओंवाळूं आरत्या कुर्वंड्या येती |

चंद्रभागेमाजीं सोडूनियां देती |

दिंड्या पताका वैष्णव नाचती |

पंढरीचा महिमा वर्णावा किती || ||

जय देव जय देव जय पांडुरंगा |

रखुमाईवल्लभा राईचा वल्लभा पावें जिवलगा |

जय देव जय देव || धृ. ||

आषाढी कार्तिकी भक्तजन येती |

चंद्र्भागेमध्यें स्नानें जे करिती |

दर्शनहेळामात्रें तयां होय मुक्ती |

केशवासी नामदेव भावे ओंवाळीती || ||

जय देव जय देव जय पांडुरंगा |

रखुमाईवल्लभा राईचा वल्लभा पावें जिवलगा |

जय देव जय देव ||


Thursday, September 18, 2008

श्रीरामचंद्राची आरती


श्रीरामचंद्राची आरती

उत्कट साधुनि शिळा सेतु बांधोनी |

लिंगदेह लंकापुर विध्वंसूनी |

कामक्रोधादिक राक्षस मर्दूनी |

देहअहंभाव रावण निवटोनी || 1 ||

जय देव जय देव निजबोधा रामा |

परमार्थे आरती, सद्भावे आरती परिपूर्णकामा |

जय देव जय देव || ध्रु.||

प्रथम सीताशुध्दी हनुमंत गेला |

लंका दहन करुनी अखया मारिला |

मारिला जंबूमाळी भुवनीं त्राहाटीला |

आनंदाची गुढी घेऊनियां आला | | २ ||

जय देव जय देव निजबोधा रामा |

परमार्थे आरती, सद्भावे आरती परिपूर्णकामा |

जय देव जय देव || ध्रु.||

निजबळें निजशक्ति सोडविली सीता |

म्हणूनी येणें झाले अयोध्वे रघुनाथा |

आनंदें वोसंडे वैराग्य भरता |

आरती घेउन आली कौसल्या माता || ३ ||

जय देव जय देव निजबोधा रामा |

परमार्थे आरती, सद्भावे आरती परिपूर्णकामा |

जय देव जय देव || ध्रु.||

अनाहतध्वनी गर्जति अपार |

अठरा पद्में वानर करिती भुभु:कार |

अवोध्येसी आले दशरथ कुमार |

नगरीं होत आहे आनंद थोर || ४ ||

जय देव जय देव निजबोधा रामा |

परमार्थे आरती, सद्भावे आरती परिपूर्णकामा |

जय देव जय देव || ध्रु.||

सहज सिंहासनीं राजा रघुवीर |

सोहंभावें तया पूजा उपचार |

सहजांची आरती वाद्यांचा गजर |

माधवदासा स्वामी आठव ना विसर || ५ ||

जय देव जय देव निजबोधा रामा |

परमार्थे आरती, सद्भावे आरती परिपूर्णकामा |

जय देव जय देव || ध्रु.||

Wednesday, September 17, 2008

श्री दत्ताची आरती


श्री दत्ताची आरती

त्रिगुणात्मक त्रवमूर्ती दत हा जाणा |

त्रिगुणीं अवतार त्रैलोक्यराणा |

नेति नेति शब्दें न ये अनुमाना |

सुरवर मुनिजन योगी समाधि न ये ध्याना || १ ||

जय देव जय देव जय श्रीगुरुदत्ता |

आरती ओवाळितां हरली भवचिंता |

जय देव जय देव || ध्रु. ||

सबाह्य अभ्यंतरीं तूं एक दत्त |

अभाग्यासी कैंची कळेल ही मात |

पराही परतली तेथें कैंचा हा हेत |

जन्ममरणाचाही पुरलासे अंत |

जय देव जय देव जय श्रीगुरुदत्ता |

आरती ओवाळितां हरली भवचिंता |

जय देव जय देव || २ ||

दत येऊनियां उभा ठाकला |

सद्भावे साष्टांगे प्रणिपात केला |

प्रसन्न होउनी आशीर्वाद दिधला |

जन्ममरणाचा फेरा चुकवीला |

जय देव जय देव जय श्रीगुरुदत्ता |

आरती ओवाळितां हरली भवचिंता |

जय देव जय देव || ३ ||

दत्त दत्त ऐसे लागले ध्यान |

हारपले मन झालें उन्मन |

मींतूपणाची झाली बोळवण |

एकाजनार्दनीं श्रीदतध्यान |

जय देव जय देव जय श्रीगुरुदत्ता |

आरती ओवाळितां हरली भवचिंता |

जय देव जय देव || ४ ||

Tuesday, September 16, 2008

मारुतीची आरती


मारुतीची आरती
सत्राणें उड़्ड़ाणें हुंकार वदनी |
करि डळमळ भूमंड़ळ सिंधूजळ गगनीं |
कडाडिले ब्रह्मांड धाक त्रिभुवनी |
सुरवर नर निशाचर त्यां झाल्या पळणी || १ ||

जय देव जय देव जय श्रीहनुमंता |
तुमचेनी प्रसादे न मी कृतांता |
जय जय देव || ध्रु ||

दुमदुमलें पाताळ उठिला प्रतिशब्द |
थरथरला धरणीधर मानीला खेद |
कडकड़िले पर्वत उडुगण उच्छेद |
रामीं रामदासा शक्तीचा शोध | | २ ||

जय देव जय देव जय श्रीहनुमंता |
तुमचेनी प्रसादे न मी कृतांता |
जय जय देव ||

Saturday, September 13, 2008

श्री शंकराची आरती


श्री शंकराची आरती
लवथवती विक्राळा ब्रह्मांडी माळा ||
विषें कंठ काळा त्रिनेत्रिं ज्वाळा ||
लावण्यसुदंर मस्तकीं बाळा ||
तेथुनियां जळ निर्मळ वाहे झुळझुळां || ||

जय देव जय देव जय श्रीशंकरा ||
आरती ओवाळूं तुज कर्पुरगौरा ||
जय देव जय देव || धृ॰ ||

कर्पुरगौरा भोळा नयनी विशाळा ||
अर्धागी पार्वती सुमनांच्या माळा ||
विभुतीचें उधळण शितिकंठ नीळा ||
ऐसा शंकर शोभे उमावेल्हाळा || ||

जय देव जय देव जय श्रीशंकरा ||
आरती ओवाळूं तुज कर्पुरगौरा ||
जय देव जय देव || धृ॰ ||

देवीं दैत्ये सागरमंथन पैं केलें ||
त्यामाजी अवचित हालाहल जे उठिलें ||
तें त्वां असुरपणें प्राशन केलें ||
निलकंठ नाम प्रसिद्ध झाले || ||

जय देव जय देव जय श्रीशंकरा ||
आरती ओवाळूं तुज कर्पुरगौरा ||
जय देव जय देव || धृ॰ ||

व्याघ्रांबर फ़णिवरधर सुंदर मदनारी ||
पंचानन मनमोहन मुनिजनसुखकारी ||
शतकोटींचें बीज वाचे उच्चारी ||
रघुकुळतिळक राम दासा अंतरी || ||

जय देव जय देव जय श्रीशंकरा ||
आरती ओवाळूं तुज कर्पुरगौरा ||
जय देव जय देव || धृ॰ ||

Monday, September 8, 2008

दुर्गादेवीची आरती


दुर्गादेवीची आरती
दुर्गेदुर्घट भारी तुजविण संसारी |
अनाथनाथे अंबे करुणा विस्तारी |
वारी वारी जन्म मरणाते वारी |
हारी पडलो आता संकट निवारी |
१ |

जय देवी जय देवी महिषासुरमर्दिनी |
सुरवर ईश्वर वरदे तारक संजीवनी |
जय देवी जय देवी || ध्रृ ||

त्रिभुवन भुवनी पाहता तुज ऐसी नाही |
चारी श्रमले परंतु बोलवे काही |
साही विवाद करीता पडले प्रवाही |
ते तू भक्तांलागी पावसि लवलाही || ||

जय देवी जय देवी महिषासुरमर्दिनी |
सुरवर ईश्वर वरदे तारक संजीवनी |
जय देवी जय देवी

प्रसन्न वदने प्रसन्न होसी निजदासा |
क्लेशापासूनी सोडवी तोडी भवपाशा |
अंबे तुजवाचून कोण पुरविल आशा |
नरहरि तल्लीन झाला पदपंकज़लेशा || ३ ||

जय देवी जय देवी महिषासुरमर्दिनी |
सुरवर ईश्वर वरदे तारक संजीवनी |
जय देवी जय देवी


दुर्गादेवीची आरती




Sunday, September 7, 2008

श्री गणपतीची आरती


श्री गणपतीची आरती
सुखकर्ता दुःखहर्ता वार्ता विघ्नाची
नुरवी , पुरवी प्रेम कृपा जयाची
सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची
कंठी झलके माळ मुक्ता फळांची
जय देव जय देव जय मंगलमूतीँ
दर्शनमात्रे मन कामना पुरती
जय देव जय देव ध्रुवपद
रत्नखचित फरा तुज गौरी कुमरा
चंदनाची उटी कुंमकुमकेशरा
हिरेजडित मुकूट शोभतो बरा
रुणझुणती नुपूरे चरणी घागरिया
जय देव जय देव जय मंगलमूतीँ
दर्शनमात्रे मन कामना पुरती
जय देव जय देव
लंबोदर पीतांबर फणिवरवंदना
सरळ सोंड वक्रतुंड त्रिनयना
दास रामाचा वाट पाहे सदना
संकष्टी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवरवंदना
जय देव जय देव जय मंगलमूतीँ
दर्शनमात्रे मन कामना पुरती
जय देव जय देव



श्री गणपतीची आरती