Monday, September 8, 2008

दुर्गादेवीची आरती


दुर्गादेवीची आरती
दुर्गेदुर्घट भारी तुजविण संसारी |
अनाथनाथे अंबे करुणा विस्तारी |
वारी वारी जन्म मरणाते वारी |
हारी पडलो आता संकट निवारी |
१ |

जय देवी जय देवी महिषासुरमर्दिनी |
सुरवर ईश्वर वरदे तारक संजीवनी |
जय देवी जय देवी || ध्रृ ||

त्रिभुवन भुवनी पाहता तुज ऐसी नाही |
चारी श्रमले परंतु बोलवे काही |
साही विवाद करीता पडले प्रवाही |
ते तू भक्तांलागी पावसि लवलाही || ||

जय देवी जय देवी महिषासुरमर्दिनी |
सुरवर ईश्वर वरदे तारक संजीवनी |
जय देवी जय देवी

प्रसन्न वदने प्रसन्न होसी निजदासा |
क्लेशापासूनी सोडवी तोडी भवपाशा |
अंबे तुजवाचून कोण पुरविल आशा |
नरहरि तल्लीन झाला पदपंकज़लेशा || ३ ||

जय देवी जय देवी महिषासुरमर्दिनी |
सुरवर ईश्वर वरदे तारक संजीवनी |
जय देवी जय देवी


दुर्गादेवीची आरती




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