
श्री दत्ताची आरती
त्रिगुणात्मक त्रवमूर्ती दत हा जाणा |
त्रिगुणीं अवतार त्रैलोक्यराणा |
नेति नेति शब्दें न ये अनुमाना |
सुरवर मुनिजन योगी समाधि न ये ध्याना || १ ||
जय देव जय देव जय श्रीगुरुदत्ता |
आरती ओवाळितां हरली भवचिंता |
जय देव जय देव || ध्रु. ||
सबाह्य अभ्यंतरीं तूं एक दत्त |
अभाग्यासी कैंची कळेल ही मात |
पराही परतली तेथें कैंचा हा हेत |
जन्ममरणाचाही पुरलासे अंत |
जय देव जय देव जय श्रीगुरुदत्ता |
आरती ओवाळितां हरली भवचिंता |
दत येऊनियां उभा ठाकला |
सद्भावे साष्टांगे प्रणिपात केला |
प्रसन्न होउनी आशीर्वाद दिधला |
जन्ममरणाचा फेरा चुकवीला |
जय देव जय देव जय श्रीगुरुदत्ता |
आरती ओवाळितां हरली भवचिंता |
दत्त दत्त ऐसे लागले ध्यान |
हारपले मन झालें उन्मन |
मींतूपणाची झाली बोळवण |
एकाजनार्दनीं श्रीदतध्यान |
जय देव जय देव जय श्रीगुरुदत्ता |
आरती ओवाळितां हरली भवचिंता |
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